मुख्यपृष्ठ
आमच्या विषयी
संपर्क
गोपनीयता धोरण
मराठी कविता
प्रेम कविता
मैत्री कविता
विरह कविता
दुखी कविता
चारोळया
हिन्दी शायरी
लेख
Home
»
मराठी कविता
,
विरह कविता
,
वेदना
» वेदना
वेदना
सखी
Saturday, October 26, 2019
1 comment
समुद्राच्या लाटांना आज ती वेड्यासारखी मिठी मारत होती.
तोडून सारे पाश कर्तव्याचे वार्यावर स्वार झाली होती.
अनवाणी पायांनी आज ती वेदना सोडवत होती.
Share:
Email This
BlogThis!
Share to Twitter
Share to Facebook
Share to Pinterest
← Newer Post
Older Post →
Home
1 comment:
Anonymous
November 6, 2019 at 4:01 PM
chan aahe
Reply
Delete
Replies
Reply
Add comment
Load more...
कमेन्ट करा आणि शेअर तर नक्कीच करा...
लोकप्रिय
टॅग
ब्लॉग संग्रहण
नवीन पोस्ट
ब्लॉग संग्रहण
►
2023
(2)
►
August 2023
(2)
►
Aug 28
(2)
►
2021
(1)
►
March 2021
(1)
►
Mar 16
(1)
▼
2019
(30)
►
November 2019
(3)
►
Nov 06
(3)
▼
October 2019
(6)
▼
Oct 26
(4)
वेदना
प्रेम
ऐक ना
आजकाल
►
Oct 19
(2)
►
September 2019
(1)
►
Sep 26
(1)
►
August 2019
(14)
►
Aug 20
(2)
►
Aug 17
(1)
►
Aug 07
(3)
►
Aug 01
(8)
►
July 2019
(6)
►
Jul 30
(1)
►
Jul 26
(5)
श्रेणी
अंधार
अनुभवी बोल
अश्रु
ओलावा
थेंब
पक्षी
प्रतीक्षा
मी ही
वाळवंट
सकाळ
सखी
साथ
स्पर्श
हरवले क्षण
श्रेणी
अंधार
(1)
अनुभवी बोल
(3)
अश्रु
(1)
आजकाल
(1)
आवडतं
(1)
ऐक ना
(1)
ओलावा
(1)
क्षण
(1)
चारोळया
(16)
जे आहे
(1)
थेंब
(1)
दुखी कविता
(1)
पक्षी
(1)
प्रतीक्षा
(1)
प्रेम
(1)
प्रेम कविता
(3)
प्रेम म्हणजे
(1)
भेट
(1)
मराठी कविता
(10)
मी ही
(1)
मैत्री कविता
(1)
मोहब्बत
(1)
लेख
(1)
वादळवाट
(1)
वाळवंट
(1)
विरह कविता
(5)
वेदना
(1)
वेब सूची
(5)
शब्द
(1)
सकाळ
(1)
सखी
(1)
साथ
(1)
साद
(1)
स्पर्श
(1)
हरवले क्षण
(1)
हिन्दी शायरी
(3)
Blog Archive
►
2023
(2)
►
August
(2)
►
Aug 28
(2)
►
2021
(1)
►
March
(1)
►
Mar 16
(1)
▼
2019
(30)
►
November
(3)
►
Nov 06
(3)
▼
October
(6)
▼
Oct 26
(4)
वेदना
प्रेम
ऐक ना
आजकाल
►
Oct 19
(2)
►
September
(1)
►
Sep 26
(1)
►
August
(14)
►
Aug 20
(2)
►
Aug 17
(1)
►
Aug 07
(3)
►
Aug 01
(8)
►
July
(6)
►
Jul 30
(1)
►
Jul 26
(5)
chan aahe
ReplyDelete