रोती हूँ दिल में पर, उसको कोई गम नहीं ll
तड़पती हूँ हर दिन पर, उसको कोई रेहम नहीं ll
उसकी एक झलक के लिए पता नहीं क्या क्या बहाने बनती हूँ, पर उसको कोई अहसास ही नहीं ll
अब खुद को रोकना चाहती हूँ, इस तकलीफ से छुटना चाहती हूँ ll
तू आये या ना आये मुझको कोई परवाह नहीं क्युकी, अब मैं खुद
के लिए जीना चाहती हूँ
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